Thursday 25 August 2016

Publish Date:Thu, 25 Aug 2016 

यार्ड से प्लेटफॉर्म पर ट्रेन प्लेस करने के लिए लोको पायलटों की खोज करने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। ट्रेन के आने से पहले ही प्लेस करने के लिए लोको पायलट तैनात रहेंगे।

मुजफ्फरपुर। यार्ड से प्लेटफॉर्म पर ट्रेन प्लेस करने के लिए लोको पायलटों की खोज करने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। ट्रेन के आने से पहले ही प्लेस करने के लिए लोको पायलट तैनात रहेंगे। सोनपुर मंडल ने ट्रेनों की शटिंग करने के लिए 24 लोको पायलट को शंटर द्वितीय में प्रोन्नति कर सूची जारी कर दी है। इन कर्मियों को स्टेशन निर्धारित कर तैनाती कर दी गई है। जानकारी के अनुसार प्रोन्नति पाने वाले प्रवर सहायक लोको पायलट अभिषेक रंजन, सचिन कुमार, शोभा कुमारी, बिरबल कुमार राम, राम प्रमोद सिंह, बरौनी के प्रवर सहायक लोको पायलट संजीव कुमार, सर्देश सिंह, अजित कुमार, मणिकांत, शंकर सिंह, राजीव कुमार, सुजीत कुमार द्वितीय, सोनपुर के प्रवर सहायक लोको पायलट सदा कल्याण त्रिपाठी, पशुपति, शिवशंकर शर्मा, उदय कुमार सिंह, रंजन कुमार प्रथम शामिल है। सोनपुर मंडल के सहायक कार्मिक अधिकारी अनूप कुमार सिन्हा की मानें तो प्रवर सहायक लोको पायलट को लोको पायलट शंटर ग्रेड द्वितीय में प्रोन्नति कर लिस्ट जारी कर दिया गया है।

Monday 22 August 2016




एससीआर ऑपरेटिंग 213 ट्रेनों में हर रोज, ओएसडी रमेश बाबू कहते हैं


दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर), कृष्णा Pushkarams के लिए भक्तों के लिए प्रमुख परिवहन साधनों में से एक है, शहर के विभिन्न स्थलों से 213 गाड़ियों संचालन किया गया है।

विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) एस रमेश बाबू ने यहां सोमवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कृष्णा Pushkaram में 13 लाख श्रद्धालुओं ने पिछले दो दिनों में ट्रेनों से यात्रा की अधिकारी ने कहा कि



विशेष संवाददाता


प्रियंक खड़गे , पर्यटन राज्य मंत्री और आईटी / बीटी, के बारे में 40 प्रतिशत की स्वर्ण रथ ट्रेन की ढुलाई प्रभार में वृद्धि करने के अपने प्रस्ताव को उल्टा करने के लिए रेल मंत्रालय से आग्रह किया है । सोमवार को यहां presspersons से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और नई दिल्ली में मंगलवार को रेल मंत्रालय के अन्य अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और पर्यटन प्रवाह बढ़ रही है और कर्नाटक और अन्य दक्षिणी राज्यों के पर्यटन क्षमता दोहन के समग्र हित में प्रस्ताव रिवर्स करने के लिए उनसे आग्रह करता हूं ।

स्वर्ण रथ अब दो सर्किट पर चलाया जा रहा है -Karnataka और दक्षिण भारत सर्किट - और इस साल सरकार ने अक्टूबर में एक महीने के लिए स्वर्ण रथ काम और भी मैसूर में दशहरा के दौरान इसे संचालित करने का प्रस्ताव है , उन्होंने कहा।

उन्होंने कहा कि स्वर्ण रथ ट्रेन अपने मेहमानों और कर्मचारियों के लिए विशेष यात्राओं के आयोजन के लिए कंपनियों को देने की पेशकश की जाएगी और यह भी इस तरह के विवाह - ऑन-द- कदम के रूप में अन्य विशेष प्रयोजनों के लिए ट्रेन की पेशकश करते हैं ।

The HINDU / ANDHRA PRADESH


राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड, विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र के कॉर्पोरेट इकाई, उत्तर प्रदेश में रायबरेली में एक पहिया जाली संयंत्र की स्थापना के लिए, मेकॉन लिमिटेड, भारत सरकार का उद्यम लगे है परियोजना प्रबंधन सलाहकार के रूप में।
परियोजना के लिए एक रणनीतिक पहल और व्यापार विविधीकरण योजना के रूप में रायबरेली जिले में Lalgunj में लिया जाता है, आरआईएनएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक पी मधुसूदन हिंदू को बताया गया है।
जाली पहिया संयंत्र देश में अपनी तरह का पहला होना कहा जाता है। यह रुपये का निवेश किया जाएगा। हाई स्पीड ट्रेनों के लिए प्रति वर्ष एक लाख पहियों की उत्पादन क्षमता के साथ 1,683 करोड़ रुपये रहा।
साइट लेवलिंग का काम पूरा हो चुका है और अन्य कार्य प्रगति पर हैं। परियोजना सितंबर, 2018 तक चालू होने की उम्मीद है।
एक समझौते पर 55,000 पहियों के एक आश्वासन दिया प्रारंभिक बंद ले जो उत्तरोत्तर 80,000 पहियों के लिए बढ़ जाएगा के लिए इस आशय का रेलवे के साथ हस्ताक्षर किए गए हैं।

50 एकड़ जमीन चिन्हित की
देश के लगभग 50 एकड़ जमीन जाली पहिया संयंत्र रेलवे कोच फैक्ट्री के लिए आसन्न के लिए रेलवे द्वारा निर्धारित किया गया है।
आरआईएनएल नए कॉस्टर अपने संयंत्र परिसर में स्थापित से 330-450 मिमी दौर के इनपुट सामग्री की आपूर्ति अपने Lalgunj संयंत्र में उच्च गति के पहियों का उत्पादन करने के लिए होगा।
विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र हाल ही में 12,500 करोड़ रुपये की लागत से 63 लाख टन करने के लिए विस्तार किया गया था। ब्लास्ट फर्नेस और अन्य इकाइयों के आधुनिकीकरण के आगे 2017-18 तक 73 लाख टन की क्षमता बढ़ाने के लिए 5,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जा रहा है।
अब ध्यान 63 लाख टन विस्तार परियोजना के तहत जोड़ा इकाइयों को रैंप पर बना है। प्राथमिकता तकनीकी-आर्थिक मानकों में सुधार करने के लिए दिया जाता है ताकि के रूप में लागत को कम करने और बाजार के चौड़ा करने में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए।
Translated.

नवनीत शरण/ नई दिल्ली

Updated Thu, 18 Aug 2016
Indian Railways Dream train Tejas will not run this year

भारत में भविष्य की रेल कैसी होगी इसके लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने कपूरथला कोच फैक्ट्री में बने इस ट्रेन के मॉडल कोच को नकार दिया है। अब इसे फिर से तैयार करने का निर्देश दिया गया है। अब अगले साल फरवरी महीने में ही इस ट्रेन का नया कोच हो सकेगा तैयार। 
केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु की ड्रीम ट्रेन में शुमार तेजस ट्रेन को रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने खारिज कर दिया है। दरअसल, तैयार कोच रेलवे अधिकारियों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा था, लिहाजा इसे फिर से कोच फैक्ट्री के इंजीनियरों को तैयार करने को कहा गया है। अब इस ट्रेन का एक एसी चेयर क्लास वाला कोच अगले साल फरवरी महीने तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। लिहाजा इस साल यह ट्रेन नहीं चल पाएगी।

रेलवे बोर्ड के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार तेजस ट्रेन को चलाकर रेलवे यह दिखाने का प्रयास करेगा कि भारत में चलने वाली भविष्य की ट्रेन कैसी होगी। लेकिन कपूरथला कोच फैक्ट्री में तैयार कोच देखने में वह बिलकुल ही साधारण एलएचबी कोच की तरह था। यह ट्रेन पूरे तरीके से आधुनिक सुविधाओं वाली होगी, जिसमें पहली बार किसी ट्रेन को पूर्णत: स्वचालित गेट वाला बनना है। रंग-रोगन भी आकर्षक होगा। इसके शौचालय में गीले हाथ को सुखाने के लिए ड्रायर मशीन भी लगी होगी। एयरपोर्ट मेट्रो कोच की तरह डिजिटल डेस्टिनेशन बोर्ड लगा होगा, यानी इस बोर्ड में कितने किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन चल रही है, अगला स्टेशन कौन सा है, यात्रियों को जानकारी होती रहेगी। फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम से कोच लैस होगा।

बता दें कि केंद्रीय रेल मंत्री ने बजट भाषण में चार तरह की नई ट्रेन चलाने की घोषणा किए थे, जिसमें उदय, हमसफर, अंत्योदय और तेजस ट्रेन शामिल थीं।

Sunday 21 August 2016

अमर उजाला ब्यूरो/फैजाबाद
Updated Fri, 19 Aug 2016 

फैजाबाद में रेल ट्रैक के किनारे पड़ा लोडर।PC: अमर उजाला


शहर से सटे अबूसराय में ओवरब्रिज के नीचे रेल ट्रैक पर गुरुवार रात एक लोडर फंस गया। इसी दौरान नजदीक आ रही सियालदह एक्सप्रेस ने हॉर्न दिया, मगर लोडर टस से मस नहीं हुआ। इस पर लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया तो उसके तेज झटके से यात्री सहम उठे।

लेकिन ऐन वक्त पर पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया। बाद में ट्रेन के यात्रियों ने खुद नीचे उतरकर लोडर को धक्का देकर ट्रैक साफ कराया। जम्मू से कोलकाता जा रही सियालदह डाउन एक्सप्रेस गुरुवार रात 9.35 बजे सलारपुर रेलवे स्टेशन से आगे बढ़ी।

पांच मिनट चलने के बाद चालक को अबूसराय फ्लाईओवर के पास ट्रैक पर लोडर खड़ा दिखा। हॉर्न बजाने के बाद लोडर नहीं हटा तो लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया। इससे ट्रेन में लगे तेज झटके से यात्रियों में कोहराम मच गया। लोग कूदकर हकीकत जानने के लिए इंजन की ओर दौड़े।

जबकि बच्चों के साथ महिलाएं नीचे उतरने को परेशान रहीं। लोको पायलट व गार्ड ने मामले की सूचना उच्चाधिकारियों को दी। तत्काल दो किमी. दूर मौके पर फैजाबाद जंक्शन से अधिकारियों का दल पहुंचा तो देखा कि ट्रैक पर लोडर फंसा हुआ है। मौके पर वाहन का चालक नहीं था।

अधिकारी क्रेन मंगाने का बंदोबस्त कर रहे थे, तभी गुस्साए यात्रियों ने खुद ही लोडर को ट्रैक से बाहर धकेल दिया। बाद में सूचना पर आरपीएफ के एसआई मौके पर पहुंचे और लोडर को क्रेन से उठवाकर आरपीएफ पोस्ट पर ले गए। मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। लोडर अयोध्या के तुलसीनगर निवासी विद्याभूषण पांडेय का बताया जा रहा है।

Sunday 7 August 2016

जमशेदपुर, संवाददाताFirst Published:31-07-2016




ट्रेन चालकों और गार्ड के रनिंग अलाउंस में किसी तरह की कटौती नहीं होगी। केंद्र सरकार ने गजट जारी कर यह घोषणा की है। दक्षिण-पूर्व जोन ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के महामंत्री पारस कुमार ने टाटानगर में यह जानकारी दी। इससे टाटानगर व आदित्यपुर समेत दक्षिण-पूर्व जोन के चार मंडलों (चक्रधरपुर, रांची, आद्रा व खड़गपुर) के 61 सौ से अधिक ट्रेन चालकों को राहत मिलेगी।

मई से चल रहा था आंदोलन 
ट्रेन चालक रनिंग अलाउंस में कटौती की आशंका पर मई से आक्रोशित थे। रेलवे बोर्ड ने इस मुद्दे पर इंपावर कमेटी का गठन कर 5 अगस्त तक रिपोर्ट मांगी थी। इससे नाराज ट्रेन चालक देशभर में धरना-प्रदर्शन करने के साथ ही केंद्र सरकार को एसएमएस व पत्र भेजकर भी विरोध जता रहे थे।

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